



पिछले 24 घंटों में बारिश और भूस्खलन से संबंधित घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या 10 हो गई है, जब अधिकारियों ने कई लोगों के बह जाने के बाद दो और शव बरामद किए। मंडी राज्य का सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला रहा है, जहाँ अचानक बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की कई घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के कारण मंडी ब्यास नदी में भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले कुछ दिनों में अत्यधिक भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ की चेतावनी दी गई है। अधिकारियों ने निवासियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। मंडी के थुनाग, करसोग के कुट्टी बाईपास, करसोग के पुराने बाजार, करसोग के रिक्की, गोहर के सियांज, गोहर के बस्सी, गोहर के तलवारा, धरमपुर के स्याठी और धरमपुर के भदराना समेत कई इलाकों में बादल फटने से नुकसान की खबर है। बुधवार सुबह 10 बजे तक 282 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। इसके अलावा 1,361 बिजली ट्रांसफार्मर और 639 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 182 सड़कें बंद हुईं, इसके बाद कुल्लू में 37, शिमला में 33 और सिरमौर में 12 सड़कें बंद रहीं। 20 जून को मानसून सीजन की शुरुआत के बाद से, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 1 जुलाई तक 51 लोगों की मौत, 103 लोग घायल और 22 लोग लापता बताए गए हैं। अब तक कुल अनुमानित नुकसान 28,339.81 लाख रुपये तक पहुंच गया है।