बुड्ढा दरिया को प्रदूषण से पूर्ण रूप से आजादी दिलाने के लिए संत सीचेवाल और उनके कारसेवक दिन रात अपने परिवारों से दूर रहकर दरिया किनारे सेवाएं दे रहे हैं। यहां तक कि कारसेवकों ने नववर्ष भी बुड्ढा दरिया पर कड़ाके की ठंड और शहर के बदबूदार पानी के बीच रहकर अपने निराले अंदाज ए बयान के साथ मनाया। वातावरण प्रेमी एवं सांसद पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने लुधियाना निवासियों को नव वर्ष का तोहफा देते हुए वर्षों से लंबित समस्या का समाधान निकल लिया है। उन्होंने बुड्ढा दरिया पर दशकों पुराने प्रदूषण के कंलक को धोने के लिए दिन रात एक कर दिया है। कड़ाके की ठंड के बाबजूद भी कारसेवक संत सीचेवाल की रहनुमाई में खुले आसमान के नीचे पूरे जज्बे के साथ कारसेवा में जुटे हुए हैं। इससे एक बात साफ हो गई है कि बुड्ढा दरिया में गिर रहे गंदे पानी के बंद होने का रास्ता साफ हो गया है। 22 दिसंबर 2024 को संत सीचेवाल ने अपना विदेश का दौरा रद्द कर लुधियाना के बुड्ढा दरिया पर स्थायी कैंप लगाकर दरिया में गंदे पानी की रोकथाम के लिए कार सेवा शुरू की थी। इस बीच उन्होंने करीब ढाई साल से लंबित पंपिंग स्टेशन के काम की अस्थायी व्यवस्था करते हुए पाइप लाइन के जरिये गंदे पानी को ट्रीटमेंट तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। 20 से 30 फीट गहरा और करीब 18 फीट चौड़ा कुआं बनकर तैयार हो चुका है। संत सीचेवाल की ओर से कुएं की कार सेवा मंगलवार 31 दिसंबर 2024 को सुबह 11 बजे शुरू हुई। जिससे 02 जनवरी 2025 गुरुवार को प्लास्टर का काम पूरा होने से दरिया में गिरने वाला गंदा प्रदूषित पानी जो कई वर्षों तक कानूनी पचड़ों में उलझा हुआ था और प्रशासनिक अधिकारियों पर निर्भर था। संत सीचेवाल की तरफ से किए जा रहे इन प्रयासों से ढाई साल से सोई हुई उम्मीद जाग गई। सीचेवाल के प्रयासों से आने वाले कुछ दिनों में प्रदूषित सीवरेज के एसटीपी तक पहुंचने का ऐतिहासिक पल देश–दुनिया के लोगों के सामने होगा। सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल और उनकी लगभग 60 विशेषज्ञ कार सेवकों की टीम ट्रांसफार्मर की नींव रखने सहित सभी व्यवस्थाएं तैयार करने में लगी हुई है जो पाइपलाइन से अपशिष्ट जल को एसटीपी में ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे। अधिकारियों की टीम ने इस अस्थायी व्यवस्था के लिए दो से तीन महीने के समय की मांग की थी। पवित्र काली बेंई की तरह ही बुड्ढा दरिया का भी सिख धर्म में एक खास महत्व है। दोनों को गुरुओं की चरण स्पर्श पवित्र होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। बुड्ढा दरिया किनारे ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गऊ घाट है ऐसे में दरिया में गंदे पपियों का होना धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है। बुड्ढा दरिया की कारसेवा के दूसरे पड़ाव में पहुंचते ही राज्यसभा सदस्य सासंद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने दरिया किनारे तंबू में अपना रैन बसेरा बना रखा है। इसमें उनके लिए एक चारपाई और लंगर छकने के लिए जमीन पर बिछोना रखा गया है। सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि हमारी कारसेवा किसी के विरोध में नहीं है, बल्कि बुड्ढा दरिया में साफ पानी की रवानगी के पक्ष में चल रही है। इसमें हर किसी को योगदान देने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने प्रदेश, क्षेत्रों में बहने वाली नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में योगदान देते रहें। केंद्र सरकार की ओर से पानियों की रक्षा के लिए गठित कमेटी की टीम वीरवार को बुड्ढा दरिया पर पहुंची और संत सीचेवाल की कारसेवा का अवलोकन करते हुए उसे सराहनीय सेवा बताया। बुड्ढा दरिया को प्रदूषण से पूर्ण रूप से आजादी दिलाने के लिए संत सीचेवाल और उनके कारसेवक दिन रात अपने परिवारों से दूर रहकर दरिया किनारे सेवाएं दे रहे हैं। यहां तक कि कारसेवकों ने नववर्ष भी बुड्ढा दरिया पर कड़ाके की ठंड और शहर के बदबूदार पानी के बीच रहकर अपने निराले अंदाज ए बयान के साथ मनाया।