बाबा साहब की परिकल्पना थी कि स्वतंत्रता से पहले समाज में समानता आनी चाहिए। जब समानता स्थापित हो जाएगी तो स्वतंत्रता कायम रहेगी। कानून मंत्री ने कहा कि प्रयागराज ज्ञान का शहर है। चिंतन, मंथन और मनन का होगा संगम तो अमृत जरूर निकलेगा। मेघवाल न्यायिक प्रणाली में सुधारों की गुंजाइश व आवश्यकता विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम हाइकोर्ट के कनवेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। पंडित कन्हैया लाल मिश्रा मेमोरियल कमेटी की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मंत्री बोले एडवोकेट एक्ट में संशोधन, मेडिकल क्लेम और बीमा योजना शीघ्र लागू होगी। न्यायिक प्रक्रिया में सुधार से ही भारत 2047 तक विकसित भारत बनेगा। पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि मुंबई अगर देश की आर्थिक राजधानी है तो इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। भारतीय न्यायिक व्यवस्था की प्रयोगशाला के तौर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का नाम पूरे विश्व में है, लेकिन जजों की कमी और मुकदमों का बोझ हमें मौन कर देता है। मंत्री जी… जज भी इंसान हैं। मैं चाहूंगा की मेरी यह बात मौजूदा भारत के मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचाई जाए। केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के समक्ष शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व कम होने और जजों के रिक्त पदों पर नियुक्ति का मुद्दा उठा। मांग यह भी हुई कि जजों की नियुक्ति में महिलाओं और सामान्य पृष्ठभूमि के अधिवक्ताओं का विशेष ख्याल रखा जाए।शुक्रवार शाम प्रयाग आते ही कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल महाधिवक्ता रहे अपने पूर्व सांसद दोस्त विजय बहादुर सिंह से शिष्टाचार भेंट करने उनके बेली रोड स्थित आवास पर पहुंचे। यहीं पूर्व महाधिवक्ता की अगुवाई में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कानून मंत्री को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की भारी कमी के कारण मुकदमों का बोझ लगातार बढ़ रहा है।इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुल 160 जजों के पद हैं, जबकि मात्र 79 जज ही कार्यरत हैं। यही नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट का सुप्रीम कोर्ट में भी अपेक्षाकृत कम प्रतिनिधित्व है। बांबे हाईकोर्ट का सबसे ज्यादा दबदबा है। जबकि, संविधान निर्माण से लेकर उसके संरक्षण में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी भूमिका रही है। अधिवक्ताओं ने स्वास्थ्य बीमा और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की भी मांग की। कानून मंत्री ने सभी मुद्दों का संज्ञान लेने का भरोसा दिया। कहा, जल्द ही इलाहाबाद को कुछ जज भी मिलेंगे।यहां कानून मंत्री से हाईकोर्ट के कई न्यायमूर्ति, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आरके ओझा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे, महेंद्र बहादुर सिंह, तनीषा जहांगीर मुनीर, गुंजन जादवानी, अशोक कुमार लाल, उदय प्रताप सिंह, विवेक रंजन चौरसिया, कुंदन राय, सीके पटेल, मनीष द्विवेदी आदि ने मुलाकात की।कानून मंत्री यहां के बाद केंद्र सरकार के अपर महान्यायवादी शशि प्रकाश सिंह के ड्रमंड रोड स्थित आवास पर भी पहुंचे और हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं से मुलाकात की। इनमें अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता, पवन श्रीवास्तव, पंकज दुबे, हिमकन्या श्रीवास्तव, उमेश सिंह, शिवकुमार पाल, अंकित गौड़ आदि मौजूद रहे।