विजिलेंस ब्यूरो ने नशा मुक्ति केंद्र के डॉ. अमित बांसल को किया गिरफ्तार

 

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे 22 नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग के आरोप में सेक्टर 28-, चंडीगढ़ निवासी डॉ. अमित बांसल को गिरफ्तार किया है। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना रूपप्रीत कौर को भी सह आरोपी बनाया गया है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार दोनों आरोपियों के खिलाफ उड़न दस्ता-1 मोहाली पंजाब में भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा 7, 7- और आईपीसी की धारा 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है। डॉ. अमित पंजाब में करीब 22 नशा मुक्ति केंद्र चला रहे हैं, जहां नशे के आदी मरीजों को इलाज के लिए एडनोकएन 0.4 और एडनोकएन 2.0 (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) की गोलियां दी जाती हैं। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी डॉ. अमित बांसल द्वारा चलाए जा रहे इन नशा मुक्ति केंद्रों में उक्त गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था और ये बाजार में ऐसे व्यक्तियों और नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थीं, जिनका नाम इन नशा मुक्ति केंद्रों की सूची में शामिल नहीं था।इससे पहले डॉक्टर अमित के लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों विदंत और कमलजीत सिंह के खिलाफ थाना एसटीएफ फेज-4, मोहाली में एक मामला वर्ष 2022 में दर्ज किया गया था। इन कर्मचारियों द्वारा दिए बयानों के आधार पर उनके पास से करीब 23000 गोलियां और 90000 रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई थी। एसटीएफ की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में उक्त सिमरन नशा मुक्ति केंद्र की जांच की, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गईं।इस जांच के बाद निरीक्षण टीम के तहत रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन उक्त ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर ने निदेशक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पंजाब को एक अलग रिपोर्ट भेजी। इसमें उन्होंने डॉ. अमित के साथ मिलीभगत करके उसे कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए 4610 गोलियों के बजाय 4000 गोलियों की कमी का ही उल्लेख किया, जो स्पष्ट रूप से उनके द्वारा सरकारी पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को दर्शाता है।इससे पहले किसी व्यक्ति द्वारा डॉक्टर बांसल के सहज अस्पताल नकोदर नामक एक और नशा मुक्ति केंद्र का वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जालंधर द्वारा तुरंत नोटिस लेते हुए इस संबंध में थाना सिटी नकोदर में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। इस मामले को डॉ. अमित बांसल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय पंजाब के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके दबा दिया था। डॉ. अमित के स्वामित्व वाले एक और आदर्श अस्पताल नशा मुक्ति केंद्र पटियाला के कर्मचारियों के खिलाफ भी एक मुकदमा 11 नवंबर 2024 को दर्ज किया गया है।

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