हिंदू धर्म में मंत्रों, स्तोत्र और कवच के पाठ करने के विशेष महत्व बताया गया है। बताया जाता है कि अगर सही समय पर इनका पाठ किया जाता है, तो व्यक्ति को उत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही व्यक्ति के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। नारायण कवच के पाठ के बारे में कहा जाता है कि यह कवच साक्षात श्रीहरि विष्णु का कवच रूपी पाठ है। इस कवच का पाठ करने से जातक को कष्टों और आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए सभी कवच में नारायण कवच को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस कवच को ब्रह्मास्त्र के समान माना जाता है। ऐसे में अगर आप रोजाना नारायण कवच का पाठ करते हैं, तो आपको भगवान श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त हो सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं कि नारायण कवच का पाठ किस दिन करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।अगर आप भी नारायण कवच का पाठ कर रहे हैं, तो इस कवच का पाठ गुरुवार से शुरू करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। ऐसे में गुरुवार के दिन नारायण कवच का पाठ करने से जातक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। नारायण कवच का पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की बुराइयों से बचाता है। इसका कवच का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मन शांत रहता है। नारायण कवच का पाठ करने से जीवन में सुख आता है और यह कवच स्वयं नारायण का है। इसलिए जो भी जातक इस कवच का नियमित पाठ करते हैं, वह जीवन में हमेशा सुरक्षित महसूस करते हैं और उनके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।नारायण कवच का पाठ करने से जातक को सभी कार्यों में सफलता मिलती है और व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस कवच का पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक वृद्धि होती है। बताया जाता है कि अगर आपको ऐसा लग रही है कि उम्मीद के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं, तो नारायण कवच का पाठ जरूर करना चाहिए।