आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे का नवीनीकरण किया जाएगा। मुख्य सचिव के निरीक्षण के बाद प्रदेश सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। हालांकि इसका प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पहले ही पास हो चुका है। अब इसको छह लेन से बढ़ाकर आठ लेन तक बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को जिम्मेदारी दे दी गई है। नवीनीकरण में एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 29 नवंबर को आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया था। इससे पहले पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने भी जिले में 65 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी थी। इसमें हादसे वाले स्थलों को चिह्नित कर स्पीड गवर्नर लगाने तथा कैमरों की संख्या बढ़ाए जाने का सुझाव दिया था। मुख्य सचिव ने भी सुरक्षा फीचरों को देखा था और यूपीडा के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर विचार विमर्श किया था। नवंबर माह में कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक विकास विभाग से जुड़े कई प्रस्तावों में आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे को छह लेन से आठ लेन बनाना प्रमुख था। इसके लिए एक्सप्रेसवे के रखरखाव में आगामी पांच सालों में 1939 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट भी निर्धारित किया गया था। रखरखाव वाली कार्यदायी संस्था के चयन की जिम्मेदारी यूपीडा को सौंपी गई थी। नवीनीकरण होने से एक्सप्रेसवे पर हादसे भी कम होंगे। एक्सप्रेसवे पर ओवरलोड वाहनों के कारण एक लेन धंस गई है। हालांकि मेंटीनेंस करने वाली कंपनी आरजीबीएल इसकी मरम्मत करवा रही है, लेकिन तीन चार माह में डंपरों के निकलने से स्थिति वैसी ही हो जाती है। इन खांचों में फंसकर अक्सर छोटे वाहन अनियंत्रित होकर हादसों का शिकार हो जाते हैं।भारी वाहनों की लेन को दोबारा बनाया जाएगा।वाहनों की गति नियंत्रित करने को स्पीड गवर्नर लगेंगे।स्पीड लेजर गन से ओवरस्पीड वाहनों का स्वतः चालान होगा।एक्सप्रेसवे पर शराब पीने वालों के डीएल निरस्त होंगे।इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए ईवी स्टेशन बनेंगे।आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए नवीनीकरण किया जाएगा। करोड़ों का बजट खर्च होगा। कार्यदायी संस्थाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। राजेश पांडेय, नोडल अधिकारी, यूपीडा