-हर हालत में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करवा कर रहेंगे: अमरीक सिंह
-यूपीएस के प्रचारकों से सवाल करेंगे रेडिका के कर्मचारी: सर्वजीत सिंह
-कर्मचारियों के नेता कर्मचारियों के हित की बात करें: भरत राज
ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
कपूरथला , 10 अक्टूबर :
पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करवाने तथा यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में डॉ भीमराव अंबेडकर चौक पर सुबह 7:15 बजे आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन द्वारा ऐतिहासिक गेट मीटिंग की गई, गेट मीटिंग में आरसीएफ के हज़ारो कर्मचारियों ने शामिल होकर एनपीएस, यूपीएस के विरोध में अपनी एकजुटता दिखाते हुए कहा कि जेसीएम के बड़े नेता शिव गोपाल मिश्रा केंद्र सरकार के इशारों पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने व उसकी खूबियां बताने के लिए आज आरसीएफ में आ रहे हैं जिसका हम विरोध करेंगे तथा तमाम तरह के जो यूपीएस में सवाल है वह उनके समक्ष रखे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों (एआईआरएफ एवं एनएफआईआर) की मिलीभगत से भारत सरकार की कैबिनेट ने 24 अगस्त को यूनिफाइड पेंशन स्कीम कर्मचारी पर ठोकने का कार्य किया, जिसे बड़ी ही बेशर्मी के साथ रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन ने बड़ी ऐतिहासिक जीत बताया। आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन ने इसे कर्मचारियों के साथ बड़ा विश्वासघात बताया है।
गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव सर्वजीत सिंह ने दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों की समझौतावादी नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों फेडरेशनों ने कर्मचारियों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है, जिसके चलते रेलवे के कर्मचारी एआईआरएफ एवं एनएफआईआर के खिलाफ भारी रोष में है वह उनका कहना है कि आगामी मान्यता के होने वाले चुनाव में हम इनको सबक सिखाएंगे यह दोनों समझौतावादी संगठन इसका नतीजा भुगताने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि अपने आप को कर्मचारियों के सबसे बड़े नेता कहलान वाले रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों द्वारा सरकार के साथ मिलीभगत कर पुरानी पेंशन बहाली की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आए हैं जो देश भर के लगभग एक करोड़ कर्मचारियों को कतई मंजूर नहीं है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के समर्थन में प्रचार प्रसार करने के लिए एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा आरसीएफ में आ रहे हैं जिसके स्वागत में आरसीएफ के तमाम कर्मचारी एनपीएस और ओपीएस के मध्य यूपीएस पर समझौता करने वाले नेतागणों से तीखे सवाल करेंगे। सर्वजीत सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की जोरदार मांग के बीच जेसीएम के नेताओं द्वारा कर्मचारियों पर यूपीएस स्कीम थोपी गई, क्योंकि इन्हें लगता था कि वर्ष 2004 की तरह वर्ष 2024 में भी कर्मचारियों को बेवकूफ बनाकर अपने वोट बैंक की राजनीति की जा सकती है, लेकिन कर्मचारी अब जागरुक हो चुके हैं वह इनके झांसे में नहीं आएंगे बल्कि उल्टा यूपीएस पर समझौता करने वाले नेताओं को आईना दिखाने का काम करेंगे।
गेट मीटिंग में बोलते हुए फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय अध्यक्ष व एनएमओपीएस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कामरेड अमरीक सिंह ने रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों एआईआरएफ व एनएफआईआर पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दोनों फेडरेशन भारत सरकार की मजदूर, कर्मचारी व देश विरोधी नीतियों को लागू करवाने के लिए कार्य कर रही हैं। रेलवे स्टेशनों का निजीकरण, ट्रेनों का संचालन निजी हाथों में देना, खान पीन की सेवा निजी हाथों में, टिकट का कार्य निजी हाथों में, नई भर्ती पर जोर न देकर उसे कार्य को आउटसोर्सिंग, आफलोडिंग के द्वारा ठेकेदारी के माध्यम से करवाना, रेल कर्मचारियों में पैदा हो रहे रोज को हड़ताल के नाम पर दबा देना तथा भारत सरकार की समझौता वादी नीतियों को लागू करने के लिए भरसक प्रयास करना इत्यादि कार्य इन दोनों फेडरेशनों द्वारा किए गए हैं जिसे रेल कर्मचारी दिसंबर में यूनियन मान्यता के होने वाले चुनाव में करारा जवाब देकर चुकता करेंगे। अमरीक सिंह ने कहा कि हम पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि कर्मचारी नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन, स्कीम फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे, इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन का आगे बढ़कर साथ दें, पुरानी पेंशन स्कीम हर हाल में बहस होकर रहेगी।
आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन के संगठन सचिव व फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय अतिरिक्त सचिव भरत राज ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए कर्मचारियों ने एकजुट होकर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे तथा इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के बैनर में बड़े संघर्षों का आगाज किया तो उन संघर्षों को तोड़ने के लिए इन्होंने जॉइंट फॉर्म का निर्माण कर फिर से संघर्ष के नाम पर नौटंकी शुरू कर दी जिसका नतीजा यह हुआ कि जो सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए विवश हो चुकी थी उसने उनके साथ मिलीभक्त कर कर्मचारियों पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम थोप दी। कर्मचारी जब उनके नेताओं से यूपीएस पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो उन्हें डंडे के जोर से चुप कराया जा रहा है जो सरेआम गुंडागर्दी है इसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इतिहास लड़ने वाले लोगों का लिखा जाता है, एनपीएस, ओपीएस में पुरानी पेंशन से कम किसी भी मामले पर समझौता नहीं किया जा सकता था, लेकिन इन दोनों फेडरेशनों ने कर्मचारियों की जिंदगी का सौदा यूपीएस के साथ किया है जिसे कर्मचारी कभी नहीं भूलेंगे।
उन्होंने कहां की शिव गोपाल मिश्रा ने यूपीएस को कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा तोहफा बता रहे हैं, जबकि यूपीएस दरअसल एनपीएस से भी बड़ा छलावा है। कर्मचारियों के नेता कर्मचारियों की हित की बात करें तो उन्हें सुना जा सकता है लेकिन अगर वह कर्मचारियों की सरकार के साथ सौदा करेंगे तो उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसके संबंध में आज की गेट मीटिंग में बहुत सारे कर्मचारी इन नेताओं से कठोर सवाल पूछेंगे जिसका जवाब इन्हें देना पड़ेगा।
आज की ऐतिहासिक गेट मीटिंग को सफल बनाने के लिए आरसीएफ के हजारों कर्मचारियों के साथ आईआरटीएसए इत्यादि संगठनों ने शमुलियत कर भरपूर योगदान निभाया, संगठन के पदाधिकारी दर्शन लाल, मनजीत सिंह बाजवा, बचितर सिंह, नरिंदर कुमार, शरणजीत सिंह, प्रदीप सिंह, तरलोचन सिंह, अरविन्द कुमार शाह, जगदीप सिंह, अनिल कुमार, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, बलजिंदर सिंह, चंद्रभान, राजिंदर कुमार, साकेत कुमार यादव, प्रवीण कुमार, रामदास, संजीव कुमार, हरपाल सिंह, निर्मल सिंह, सुमन सौरव, संदीप कुमार, मनोहर लाल सहित यूनियन के कार्यकर्ता शामिल हुए।