ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
कपूरथला, 9 जून
पेड़ और इंसान का रिश्ता अनादि काल से है, लेकिन अब इस रिश्ते का संतुलन बिगड़ता जा रहा है।इस संतुलन को ठीक करने के लिए प्रदेश में हर साल पौधारोपण अभियान चलाए जाते हैं,लेकिन ये सिर्फ दिखावे के लिए ही रह जाते हैं।ये विचार व्यक्त करते हुए कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने कहा कि लगातार बढ़ रही के कारण प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है जिसने पृथ्वी पर बहुत ही गहरे और प्रतिकूल प्रभाव डाले हैं।आजकल पर्यावरण का मुद्दा एक गंभीर मुद्दा है,जिसके प्रति सभी को जागरूक होना चाहिए और इस समस्या का सामना करने के लिए सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज साँस लेने के लिए हवा,पीने के लिए पानी,उपजाऊ फसलों के लिए मिट्टी की आदि सब कुछ प्रदूषित हो गए हैं।इसलिए पूरे विश्व में पर्यावरण के प्रति इस लापरवाही को दूर करने के लिए और अपनी जिम्मेदारी को समझने और दूसरों को समझाने के विशेष प्रयास के रूप में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि हम अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक रहें और हमें याद रहे की जो हम कर रहे रहे है वह कितना सही है।पर्यावरण में तेजी से आ रहे बदलाव के सबंधी अखबारों/टीवी चैनलों के माध्यम और हर स्तर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।वर्तमान में विश्व में पीने के पानी की आ रही कमी, ग्लेशियरों का पिघलना,समुद्रों का सूखना,पेड़ों/जंगलों का कटना,बढ़ती गर्मी,बढ़ता प्रदूषण आदि मानव जीवन के लिए हानिकारक हैं।कुलदीप सिंह ने कहा कि हमारी सुरक्षा परत ओजोन में छेद हो गया है,जिससे प्रन्वेगनी किरणों से पृथ्वी पर कैंसर जैसी बीमारियां फैल रही हैं।ग्रीन हाउस प्रभाव बढ़ रहा है।रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर के उपयोग और तेजी से औद्योगीकरण के कारण कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ रही है।मौसम में बड़े बदलाव के कारण बारिश की कमी हो रही है।जलवायु विज्ञानियों को इस बात की चिंता है कि मनुष्य धीरे–धीरे मौसम की बिगाड़ रहा है,जिडलसे रोकना हमारे बस में नहीं है।उन्होंने कहा कि पंजाब को पांच नदियों की भूमि कहा जाता है।इसी पवित्र भूमि पर रचित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पहले श्लोक में मनुष्य को प्रकृति से जोड़ा गया है।पवनु गुरु पानी पिता माता धरती महतु।इस श्लोक में गुरुओं ने वायु को गुरु, जल को पिता और पृथ्वी को माता का दर्जा दिया है।देश की लगभग सभी नदियों और नालों में किसी न किसी तरह कारखानों का जहरीला और गंदा पानी डाला जा रहा है।देश में जिन रसायनों और कीटनाशकों का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है,इन जहरों ने हमारे भोजन पदार्थो को भी जहरीला बना दिया है।इन जहरों के कारण भूमिगत जल भी गंदा हो गया है।साफ पानी और भोजन की कमी के कारण हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।