11 जनवरी को मंदिर धर्मसभा में होंगे हनुमान चालीसा के पाठ
ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
कपूरथला, 10 जनवरी :
विरासती शहर में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ समारोह को भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी चल रही है।श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इस वार्षिकोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूची जारी की है।जिसको लेकर विरासती शहर में हिंदू संगठनों की ओर से प्रथम वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया जाएगा।सनातन धर्म सभा के अध्क्षय सुभाष मकरंदी ने कहा कि कपूरथला में हिंदू संगठनों की ओर से प्रथम वर्षगांठ मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।भगवान रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जाएगी।इसे प्रतिष्ठा द्वादशी कहा जाएगा।इस अवसर पर 11 से 13 जनवरी तक विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। संगठनों की ओर से 11 जनवरी को कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई जा रही है।जिससे पिछले साल की तरह प्रथम वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया जाएगा।आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में शहर की समूह सामाजिक,धार्मिक राजनितिक संस्थाओ के इलावा राम लीला कमेटिओ के पदाधिकारिओं मंदिर कमेटिओ के पदाधिकारी से लेकर अन्य शामिल होंगे।सुभाष मकरंदी ने बताया कि 11 जनवरी को मंदिर धर्म सभा में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की प्रथम वर्षगांठ धूमधाम से मनाई जाएगी।इस दौरान समूह हिन्दू संगठनों द्वारा सुबह 11 बजे श्री हनुमान चालीसा के पाठ किए जाएंगे।मकरंदी ने बताया कि यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं,बल्कि उन योद्धाओं के प्रति आभार प्रदर्शन है जिन्होंने श्री राम मंदिर आंदोलन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।उन्होंने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और उन वीरों को याद करना है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में अपनी जान की परवाह किए बिना बलिदान दिया।अयोध्या का महत्व अयोध्या में स्थित रामलला का मंदिर भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म के लिए एक विशेष स्थान रखता है।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का यह पर्व न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है,बल्कि यह हमारे इतिहास और विरासत का भी प्रतीक है।मकरंदी ने कहा यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक महोत्सव नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को प्रेरणा देने वाला भी है।युवा पीढ़ी को राम जन्मभूमि आंदोलन और उसके महत्व से परिचित कराना इसका मुख्य उद्देश्य है।यह आयोजन हिंदू धर्म और समाज के प्रति समर्पित योद्धाओं के सम्मान और उनके योगदान को याद करने का एक माध्यम बनेगा।