पंजाब में इस बार 2024 लोकसभा चुनाव चतुष्कोणीय मुकाबले के कारण सभी दल सियासी भंवर में फंस चुके

 

 

2024 लोकसभा चुनाव में इस बार पंजाब में चतुष्कोणीय मुकाबले के कारण सभी दल सियासी भंवर में फंस चुके हैं। दरअसल यहां लड़ाई सिरमौर बनने से ज्यादा बादशाहत और बड़ा भाई बनने की है। यहां पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीती थीं, तब यहां कांग्रेस की सरकार थी। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली। ऐसे में इन दोनों में बादशाहत की लड़ाई है। वहीं यहां अभी तक भाजपा और शिरोमणि अकाली दल साथ मिलकर लड़ते रहे हैं, इस बार अलगअलग लड़ रहे हैं। ऐसे में दोनों में बड़ा भाई बनने के लिए संघर्ष होगा। पंजाब में 13 लोकसभा सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में 53 राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा था, लेकिन चार दलों के प्रत्याशी ही चुनाव जीते। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में यहां सबसे ज्यादा आठ सीटें कांग्रेस ने जीती थी, तब राज्य में भी कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली। पंजाब में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 117 में 92 सीटें मिली थीं।  कई मायने में पंजाब में इस बार का चुनाव पिछले सालों की तुलना में अलग है। अब तक गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले दल इस बार अलग होकर चुनावी रण में उतरे हैं। यानी दल अपनीअपनी ताकत का परीक्षण कर रहे हैं। हर कोई इस आकलन में जुटा है कि इस बार पंजाब के चुनाव में क्या होगा ? यहां अभी आम आदमी पार्टी की सरकार है। आम आदमी पार्टीइंडियागठबंधन का हिस्सा है, लेकिन पंजाब में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई। इसलिए यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलगअलग चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच भी गठबंधन नहीं हो पाया। ऐसे में कई सीटों पर भाजपा और अकाली दल के प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। कांग्रेस के सामने पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। चारों दलों के अलगअलग चुनाव लडऩे से पंजाब का चुनाव इस बार रोचक होना तय है। खास बात यह है कि राममंदिर निर्माण जैसे कई मुद्दे जो दूसरे राज्यों में प्रभाव डाल रहे हैं, उनका यहां असर नजर नहीं रहा है। ऐसे में भाजपा ने पंजाब के लिए अन्य राज्यों से अलग रणनीति बनाई है। शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर चुनाव लड़ रही भाजपा ने प्रत्याशियों का चयन सियासी गणित और जाति के समीकरण बिठाकर किया है। पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते रवनीति सिंह बिट्टू को भाजपा ने लुधियाना सीट से मैदान में उतारा है। पटियाला से 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती परनीत कौर को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने ऐसा प्रयोग कई सीटों पर किया है।

 

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