– पहले दो लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल की जीत, 2019 में कांग्रेस की जीत
पंजाब की खडूर साहिब सीट भी है. इस सीट पर अभी तक कुल तीन बार ही लोकसभा चुनाव हुआ है. पहला – 2009, दूसरा – 2014 और तीसरा – 2019. 2024 का आम चुनाव चौथा लोकसभा चुनाव होने जा रहा. इस सीट पर हुए पहले दो लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई जबकि 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस ने ये सीट शिरोमणि अकाली दल से छीन ली. पंजाब की 9 सामान्य वर्ग की सीटों में से 1 सीट पंजाब की खडूर साहिब सीट भी है. इस सीट पर अभी तक कुल तीन बार ही लोकसभा चुनाव हुआ है. पहला – 2009, दूसरा – 2014 और तीसरा – 2019. खडूर साहिब में 2024 का आम चुनाव चौथा लोकसभा चुनाव होने जा रहा. इस सीट पर हुए पहले दो लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई जबकि 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस ने ये सीट शिरोमणि अकाली दल से छीन ली. खडूर साहिब एक शहर है और दूसरा यह नगर पंचायत भी है जो तरनतारन जिले में है. ये इलाका पंजाब के माझा क्षेत्र और खडूर साहिब तहसील में आता है. खडूर साहिब की ऐतिहासिक तौर पर भी काफी अहमियत है. कहते हैं कि सिखों के 10 गुरूओं में से 8 ने इस क्षेत्र की यात्रा की. 2011 की जनगणना के मुताबिक इस शहर की साक्षरता दर 73 फीसदी के करीब है. वहीं, पंजाब का साक्षरता दर मोटे तौर पर 76 फीसदी है. अगर पुरुष और महिला साक्षरता दर की बात की जाए तो पुरुषों की लिटरेसी रेट 77 फीसदी जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 69 फीसदी है. खडूर साहिब दरअसल एक गांव है और ये गांव सिखों के दूसरे गुरू अंगद से जुड़ा हुआ है. गुरुद्वारा श्री खडूर साहिब के नाम पर इस क्षेत्र का नाम पड़ा है. इसके अलावा, बताते हैं कि गुरुनानक देव यहां कुल पांच बार आए और बीबी भारई घर में ठहर चुके हैं.पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं. इन 13 सीटों में से चार सीटें आरक्षित हैं. जो 9 सीटें आरक्षित नहीं हैं, यानी सामान्य वर्ग की 9 सीटों में से 1 सीट पंजाब की श्री खडूर साहिब सीट भी है. खदूर साहिब लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा की सीटे आती हैं. जांडियाला, तरन तारन, खेम कारन, पाट्टी, श्री खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी और जीरा, इन 9 सीटों में से दो सीटें अनुसूचित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित हैं. एससी कैटेगरी के लोगों के लिए आरक्षित सीटों में एक सीट है जांडियाला और दूसरी सीट है बाबा बकाला. खडूर साहिब लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले इलाके पहले दूसरी लोकसभा सीटों के मातहत आते थे. पर 2008 में परिसीमन के बाद जब नए सिरे से लोकसभा की बाउंड्री खींची गई तो तय पाया गया कि खडूर साहिब को एक सीट बनाया जाएगा. लिहाजा इस सीट पर अभी तक कुल तीन बार ही लोकसभा चुनाव हुआ है. पहला – 2009 में. दूसरा – 2014 और तीसरा – 2019. 2024 का आम चुनाव चौथा लोकसभा चुनाव होने जा रहा. 2019 के आम चुनाव में इस सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और पंजाब एकता पार्टी के बीच रहा था पर कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल ने जीत दर्ज कर ली थी. 2008 से पहले की अगर बात की जाए तो इस सीट के तहत आने वाली विधानसभा सीटों में से कपूरथला और सुल्तानपुर लोधी की सीट जालंधर लोकसभा के अंतर्गत जबकि जीरा विधानसभा फिरोजपुर के अंतर्गत आती थी. वहीं, जांडियाला, पट्टी, खडूर साहिब और तरनतारन विधानसभा की सीटें तरनतारन लोकसभा के अंतर्गत आती थीं. खेम करां विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन ही के बाद वजूद में आया है.इस सीट के वजूद में आने के बाद पहले दो चुनाव में तो शिरोमणि अकाली दल ने लगातार जीत दर्ज की. 2009 में रत्तन सिंह अजनाला ने और फिर 2014 में रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने शिरोमणि अकाली दल के निशान पर चुनावी जीत हासिल की. वहीं, 2019 के आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल से सीट छीन ली. इस चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल के सामने शिरोमणि अकाली दल की बीबी जागीर कौर और पंजाब एकता पार्टी की बीबी परमजीत कौर खैरा थीं.जसबीर सिंह गिल ने बीबी जागीर कौर को करीब 1 लाख 41 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया. इस चुनाव में जसबीर सिंह गिल को 4 लाख 60 हजार जबकि बीबी जागीर कौर को 3 लाख 19 हजार वोट हासिल हुए थे.