-हादसों का कारण बन रहे बेसहारा पशु
ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
कपूरथला, 25 फरवरी :
विरासती शहर कपूरथला में बेसहारा पशुओं की भरमार है , बेसहारा पशु के कारण ऐतिहासिक गार्डर शालीमार बाग , शहर व आसपास के गांव में पशुओं की तादाद बढ़ गई है , शहर की सड़कों पर इस समय दर्जनों की संख्या में बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। शहर की सड़कों पर झुंड बनाकर घूमने वाले बेसहारा पशु राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। पशुओं की वजह से सड़कों पर जाम लग जाता है। बेसहारा पशुओं की वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। रात के समय सड़कों पर बैठे पशु बेहद घातक साबित होते हैं जिससे वाहन चालक हादसे का शिकार बन रहे हैं।कपूरथला शहर व आसपास के इलाकों में बेसहारा पशुओं की भरमार है। सडक़ों और गली मोहल्लों में झुंड बनाकर घूमने वाले बेसहारा पशु लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जिसके चलते कारण जिले में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है और कई लोग जख्मी हो चुके हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन बेसहारा पशुओं की संभाल को लेकर गंभीर नहीं है।बताते चलें कि कि पूर्व डिप्टी कमिश्नर डीपीएस खरबंदा ने बेसहारा पशुओं को लेकर खास तौर पर पटियाला से टीम बुलाकर व बंद गाड़ी में लगभग 200 के करीब पशुओं को कमालपुर में बनाई गई नई गोशाला में भेजा दिया गया था। वहां पर कई समाजसेवी संस्थाओं और जिला प्रशासन की ओर से पशुओं की देखभाल की जिम्मेदारी ली गई थी। इसके बाद कुछ हद तक लोगों को बेसहारा पशुओं की समस्या सेराहत मिली थी। बाद में बेसहारा पशुओं को गोशाला भेजने की मुहिम बंद कर दी गई जिसके कारण ऐतिहासिक गार्डर शालीमार बाग , शहर व आसपास के गांव में पशुओं की तादाद बढ़ गई है।बेसहारा पशु कई बार किसानों की फसल उजाड़ देते हैं। कई बार पशु शहर की सडक़ों पर बैठे रहते हैं जिसके कारण वाहन चालकों को परेशानी होती है व हादसा होने का डर बना रहता है। सडक़ों के आसपास व गली मोहल्लों में बेसहारा पशुओं को देखकर बच्चे डर से भाग जाते हैं। रात के समय झुंड बनाकर सडक़ के बीच आ जाते हैं जिसके कारण दो पहिया वाहन व चार पहिया वाहन हादसे के शिकार के साथ साथ पैदल चलने वालों को भी अपना रास्ता बदलना पड़ता है।