– विलेज डिफेंस कमेटियां नशा तस्करों के संबंध में महत्वपूर्ण सूचनाएं सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा कर रहीं
ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
पंजाब के सीमांत गांवों में गठित की गईं विलेज डिफेंस कमेटियों के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के जिस उद्देश्य से राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने इनका गठन करने का सुझाव दिया था, वह पूरा होता दिखाई दे रहा है। सीमा के आसपास के गांवों में बनाई गईं विलेज डिफेंस कमेटियां नशा तस्करों के संबंध में महत्वपूर्ण सूचनाएं सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा कर रहीं हैं। तस्करों को पकड़वाने में भी इनकी अहम भूमिका सामने आई है। सीमांत जिला अमृतसर के लगभग हर गांव में विलेज डिफेंस कमेटियां स्थापित की गई हैं। इनमें गांव के ही अलग–अलग वर्गों के जागरूक लोगों को शामिल किया गया है। यह कमेटियां सिविल और पुलिस प्रशासन को सहयोग देते हुए यहां अपने–अपने गांवों के विकास कार्यों को लागू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहीं हैं। इन कमेटियों के माध्यम से अभी तक दो दर्जन तस्करों को पुलिस के हवाले किया जा चुका है। हाल ही में बॉर्डर के घरिंडा क्षेत्र में पाकिस्तानी ड्रोन से फेंकी हेरोइन की खेप की सूचना पुलिस और बीएसएफ तक पहुंचने में इन कमेटियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। थाना घरिंडा के प्रभारी डा. शीतल सिंह कहते हैं कि विलेज डिफेंस कमेटियां सिर्फ नशा तस्करों के संबंध में ही नहीं बल्कि सीमांत गांवों में बढ़ रहे अपराधों को कंट्रोल करने में काफी सहायक हैं। इस तरह की कमेटियां हर गांव में होनी चाहिए।कमेटियों के सदस्य बीएसएफ और पंजाब पुलिस के अधिकारियों के साथ तालमेल बिठा कर काम करते हैं। सीमांत गांवों में नशा तस्करी के अलावा अन्य अपराधों की सूचना भी शेयर करते हैं। अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी सतिंदर सिंह कहते हैं कि विलेज डिफेंस कमेटियों का कंसेप्ट काफी सार्थक है। इन कमेटियों का पुलिस को काफी सहयोग मिल रहा है। पुलिस आसानी से तस्करों को काबू करने में सफल हो रही है।