आरसीएफ कपूरथला में बढ़ती चोरी की वारदातों पर आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन ने उठाई आवाज़: प्रशासन की जवाबदेही तय करने की मांग

 

कपूरथला, 25 जून 2025 – रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला के सरकारी आवासों में लगातार हो रही चोरियों की घटनाओं ने कर्मचारियों के बीच गंभीर चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन ने इन वारदातों पर गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए इसे आरसीएफ प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था में घोर लापरवाही और गंभीर चूक का परिणाम बताया है। यूनियन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इन घटनाओं की सीधी जवाबदेही प्रशासन की है। यूनियन द्वारा जारी एक कड़े बयान में कहा गया है कि कुछ समय पहले वेस्ट कॉलोनी में हुई चोरी की घटनाओं के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया, उसे चोरी की घटनाओं के पीछे किसका हाथ था अभी तक प्रशासन या पुलिस यह पता लगाने में विफल रही है और अब टाइप-III और टाइप-IV (जिसमें 329-A, B, C, 333-B और 89-B जैसे आवास शामिल हैं) में भी चोरी की वारदातें हुई हैं, जिनमें कर्मचारियों की बहुमूल्य वस्तुएं, जिनमें अक्सर उनकी जीवन भर की जमा पूंजी शामिल होती है, चुरा ली गई हैं। आरसीएफ एम्पलाइज  यूनियन ने बार-बार प्रशासन को सुरक्षा सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उन पर या तो बिल्कुल अमल नहीं हुआ या फिर उन्हें कुछ दिनों के बाद ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, जिसके कारण ये दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बार-बार हो रही हैं। यह सीधे तौर पर प्रशासन की निष्क्रियता और उदासीनता का परिचायक है।

 

यूनियन ने मुख्य सुरक्षा आयुक्त, रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला और महाप्रबंधक महोदय से तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। यूनियन ने कहा कि ठेकेदारों की लेबर के प्रवेश और कार्यप्रणाली को विनियमित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। बिना पुलिस सत्यापन और पहचान पत्र के बाहरी व्यक्तियों का RCF परिसर में स्वतंत्र घूमना सुरक्षा में एक बहुत बड़ी चूक है। प्रशासन को तुरंत यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी ठेकेदार की लेबर को बिना पूर्ण पुलिस सत्यापन और वैध पहचान पत्र के परिसर में प्रवेश न दिया जाए और न ही उन्हें आवासों में भेजा जाए। इसकी निगरानी की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की है। आरपीएफ थाने से कुछ ही दूरी पर चोरियां होना आरपीएफ की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। यह दर्शाता है कि पेट्रोलिंग या तो नाकाफी है या बिल्कुल बंद हो गई है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि RPF पेट्रोलिंग को केवल बढ़ाया ही न जाए, बल्कि उसे स्थायी और प्रभावी बनाया जाए, खासकर संवेदनशील इलाकों में। RPF की जवाबदेही तय की जानी चाहिए कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करें। पिछली चोरी की घटनाओं के दोषियों का अब तक पता न चलना प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। प्रशासन को इन सभी चोरी की घटनाओं की गहन जांच युद्धस्तर पर करानी चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दिलानी चाहिए। जांच में हो रही देरी स्वीकार्य नहीं है और इसकी जवाबदेही भी तय की जाए।

आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि यदि प्रशासन ने इन गंभीर मुद्दों पर तत्काल और निर्णायक कार्रवाई नहीं की और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो यूनियन अपने सदस्यों के हित में आंदोलन करने पर मजबूर होगी। कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे रहा है, और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए ठोस आश्वासन चाहिए।

 

 

 

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