



लुधियाना
विधानसभा हलका लुधियाना पश्चिम सीट के लिए उपचुनाव में चुनावी बिगुल बज गया है। उपचुनाव के लिए 19 जून को मतदान होगा और 23 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी (आप) के मौजूदा विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की गोली लगने के मौत के बाद यह सीट खाली हुई सीट थी। आप, कांग्रेस और शिअद ने अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। ऐसे में अब आने वाले दिनों में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ते पारे के साथ तेज होंगी। इस विधानसभा सीट पर अब तक छह बार चुनाव जीत कर कांग्रेस का दबदबा रहा है, जबकि दो बार अकाली भाजपा के उम्मीदवार यहां से विधायक बने। इसके अलावा एक बार जेएनपी के उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की।लुधियाना पश्चिमी विधानसभा हलके का गठन वर्ष 1977 में हुआ था। अब तक इस सीट के लिए नौ बार चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर वर्ष 1977 में जेएनपी पार्टी के नेता ए विश्वनाथन जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद कांग्रेस के जोगिंदर पाल पांडे ने वर्ष 1980 में जीत दर्ज की। वर्ष 1985, 1992, 2002 में कांग्रेस के हरनाम दास जौहर ने यह सीट पार्टी की झोली में डाली। वर्ष 1997 में शिरोमणि अकाली दल–भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने जीत दर्ज की। वर्ष 2007 में शिअद–भाजपा के हरीश राय ढांडा लुधियाना पश्चिमी से विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 2012 एवं वर्ष 2017 में कांग्रेस के भारत भूषण आशु ने लगातार दो बार इस सीट पर जीत दर्ज की। वहीं, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अलविदा कह आम आदमी पार्टी का दामन थामने वाले गुरप्रीत गोगी यह सीट जीतकर विधायक बने। गोगी की इसी साल जनवरी में गोली लगने से मौत हो गई थी। इस कारण अब इस सीट पर उपचुनाव करवाया जा रहा है।