बोले-अस्पताल में रात को नहीं रहतेे ड्यूटी डॉक्टर,मरीजों को नहीं मिलता इलाज
कपूरथला
विरासती शहर के सरकारी अस्पताल में रात को गंभीर बीमारों और दुर्घटनाग्रस्त लोगों के इलाज में परेशानी हो रही है।अस्पताल में रात के समय डॉक्टर नहीं मिलते।अस्पताल का डॉक्टर ड्यूटी चार्ट दिन और रात में अपडेट नहीं होता।ताकि लोग कॉल करके डॉक्टर को बुला सकें।अस्पताल में डाक्टरों की इस का बड़ा कारण है।ऐसा ही एक वाक्या बीती रात देखने को मिला जब कपूरथला हल्के के सेवादार अवि राजपूत ने सरकारी अस्पताल का दौरा किया।इस दौरान अवि राजपूत ने सिविल अस्पताल का दौरा कर मरीजों को मुहैया करवाई जा रही सेहत सुविधाओं का जायजा लिया।उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार सेहत सेवाएं बेहतर बनाने का दावा करती है लेकिन सिविल अस्पताल में मरीजों को भीषण गर्मी में जांच करवाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं वेंटीलेटर पर हैं जिसका खामियाजा अस्पताल में आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं नहीं है।अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को भी परेशानी झेलनी पड़ती है।ओपीडी में मरीजों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।सरकारी डाक्टरों जिन्हें एनपीएभी दिया जाता है,की ओर से अपने घरों में या किसी निजी अस्पताल में सेवाएं देने की स्थिति में विजिलेंस या किसी अन्य संस्था को नजर रखने के लिए अधिकृत किया जाना चाहिए।सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टरों के स्थानांतरण हेतु राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप पर रोक लगानी चाहिए तथा दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों की ओर से दवाइयों की मनमानी कीमत निश्चित करने पर अंकुश लगाना चाहिए तथा उनके द्वारा तय की गई एमआरपी की समीक्षा करनी चाहिए।अवि राजपूत ने स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हैं।लोगों को सरकारी इलाज पर भरोसा नहीं रह गया है।एक बड़ा तबके ने अब सरकारी अस्पतालों में जाना ही छोड़ दिया है।इस का कारण दर्द की समय पर और सही दवा नहीं मिलना ही है।उन्होंने कहा प्रदेश के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों,दवा समेत अन्य सुविधाओं की कमी के कारण अधिकांश लोगों का सरकारी अस्पतालों से विश्वास उठता जा रहा है।इसका लाभ प्राइवेट अस्पताल चला रहे चिकित्सकों को लाभ भी मिल रहा है।इससे गरीब मरीजों को सबसे अधिक परेशान उठानी पड़ रही है।जबकि अच्छी स्वास्थ्य सेवा देने का दावा करते धम नहीं है।अवि राजपूत ने कहा कि सरकार की लापरवाही का खामियाजा गरीब तबके के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।गरीब आदमी बड़े डॉक्टर की महंगी फीस नहीं चुका सकता।सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिलता।इस कारण बीमारियां लाइलाज हो जाती हैं।लोग बेवक्त मरते हैं।प्राथमिकता के आधार पर लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल का इंतजाम किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों में घंटों तक डॉक्टर नहीं मिलते हैं।सही प्रकार से उपचार नहीं होता है।कभी दवा नहीं मिलती तो कभी डॉक्टर नहीं मिलते।सरकारी स्वास्थ्य सेवा सहीं नहीं है।इसलिए अधिकांश लोग प्राइवेट चिकित्सकों से इलाज कराते हैं।जब सही दवा मिलेगी तो कोई क्यों प्राइवेट डॉक्टरों के यहां इलाज कराएगा।अवि राजपूत ने कहा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सक और उपकरणों की कमी जिले के प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता के कारण है।सही पैरवी नहीं की जा रही है।इस कारण जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है।