भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, छह दशक से ज्यादा पुरानी सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए। पहलगाम में नृशंस हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया तथा सुरक्षा बलों को ‘‘उच्च सतर्कता’’ बनाए रखने का निर्देश दिया गया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को वित्तपोषित करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ़ अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है। निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और सरकार की प्रतिक्रिया के तौर पर पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं। प्रभावित पाकिस्तानियों में से कई वाघा सीमा पार करके अपने वतन लौटने लगे हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश राज्य ने भी राज्य में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने की तैयारी शुरू कर दी है।उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में राज्य में 1,000 से 1,200 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार का आधिकारिक निर्वासन आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन निर्देश जारी होते ही प्रत्यावर्तन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की, “राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। एक बार जब हमें केंद्र से अंतिम निर्देश मिल जाते हैं, तो हम उन्हें वापस भेजने के लिए तदनुसार कार्रवाई करेंगे।”केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने व्यक्तिगत रूप से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया है, उन्हें अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने और उनके शीघ्र निर्वासन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। शाह ने त्वरित कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिक बिना किसी देरी के अपने देश लौट आएं।विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वैध वीज़ा 27 अप्रैल, 2025 से निरस्त कर दिए जाएँगे। हालाँकि, मेडिकल वीज़ा को थोड़े समय के लिए बढ़ाया गया है और यह 29 अप्रैल, 2025 तक वैध रहेगा। भारत में सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने वीज़ा की वैधता समाप्त होने से पहले ही भारत छोड़ देना चाहिए।ये घटनाक्रम 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले के बाद हुए हैं, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। भारत सरकार ने इस हमले को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की कार्रवाई बताया है और सीमा पार से होने वाले खतरों का मुकाबला करने के लिए निर्णायक कदम उठाने की कसम खाई है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूरे भारत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर विश्वास करना चाहिए और पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को सजा जरूर मिलेगी। पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए कानपुर के युवक शुभम द्विवेदी के परिजन से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम हमला एक क्रूर और कायराना हरकत है तथा कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर पूरे भारत को विश्वास करना चाहिए। सरकार की आतंकवाद के प्रति नीति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की है और वह प्रभावी ढंग से आतंकवाद को नेस्तनाबूद करेगी।