कपूरथला—–कारगिल विजय दिवस के मौके पर शनिवार को शहर भर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुए।इसी कड़ी में भाजपा जिला प्रधान रणजीत सिंह खोजेवाल के दिशानिर्देश के तहत यूथ भाजपा द्वारा कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीद स्मारक जलोखना चौंक में बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई।इस मौके पर यूथ भाजपा कार्यकर्ताओ ने कारगिल युद्ध में बलिदान हुए जवानों और इसमें शामिल सैनिकों के शौर्य को याद किया गया।साथ ही बलिदान जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।यूथ भाजपा के जिला प्रधान सन्नी बैंस ने कार्यक्रम की शुरुआत की और उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओ के जनसमूह को देश व वीर जवानों के गौरव को बनाए रखने की शपथ दिलाई।इस अवसर पर यूथ भाजपा के जिला प्रधान सन्नी बैंस ने कहा कि वीर जवानों के त्याग व बलिदान के कारण ही शहीद स्मारक पर कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया।उन्होंने कहा कि सभी बलिदानियों का कर्ज हम पर है।भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है,जिस पर हम सभी को गर्व है।इन वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान के कारण ही राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं।सन्नी बैंस ने कहा पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है।वो आतंकवाद के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हमारे जाबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे, दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाते हुए 26 जुलाई 1999 को विजय प्राप्त की थी।यह युद्ध करीब दो माह लड़ा गया।प्रारम्भ में इसे पाकिस्तान की घुसपैठ माना गया,लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज अभियान के बाद पाकिस्तान की नियोजित रणनीति का खुलासा हुआ।भारतीय सेना को अहसास हुआ कि हमले की योजना बड़े पैमाने पर की गई है।इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय का आगाज करते हुए सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा।इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के अटूट दृढ़ संकल्प और अदम्य भावना को प्रदर्शन हुआ।कारगिल युद्ध पाकिस्तान के गलत इरादों का सुबूत है।भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत के शौर्य और सामर्थ्य का अहसास पूरी दुनिया को कराया। वहीं पाकिस्तान के साथ हमदर्दी दिखानेवाली महाशक्तियों को भी दो-टूक लहजे में ऐसा करार जवाब दिया कि बोलती बंद हो गई।इस युद्ध में भारत ने भी अपने कई वीर योद्धाओं को खोया और उनका सर्वोच्च बलिदान देश के लिए एक मिसाल बन गया।इस अवसर पर पवन धीर,कमल प्रभाकर,अश्वनी तुल,रोशन सभरवाल,मधु सूद,यादविंदर पासी,जगदीश शर्मा,अशोक महला,साहिल वालिया,साबी लंकेश,जशनदीप सिंह, सुमितपाल सिंह,अमन भवानीपुर,अंकुश चौहान,गग्गू राजपूत,दीपक कुमार,राजन ठिग्गी,सरबजीत बंटी,अभी, अर्श,अरमान,मक्कड़,राजन चौहान,सुनील अरोड़ा,कुणाल महरा,जश्न सिंह आदि उपस्थित थे।