ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
भारत की ओर से कनाडा को भारतीयों के लिए असुरक्षित देश घोषित किए जाने के बाद अब युवाओं का रुझान कनाडा की जगह यूके ,अस्ट्रेलिया और डेनमार्क की तरफ बढ़ने लग गया है। अमृतसर के आईलेट्स सेंटरों में पढ़ने और इमिग्रेशन कंपनियों के माध्यम से विदेश में सेटल होने के लिए आने वाले युवाओं ने अब कनाडा की जगह अन्य देशों के लिए वीजा एप्लीकेशन प्रोसेस करने के लिए मांग की है। इमिग्रेशन विशेषज्ञ ने बताया कि उनके पास पहले छात्र कनाडा के लिए अप्लाई करते थे। माह में अगर 50 युवा विदेश जाने के लिए फाइल लगवाते थे तो 40 से 43 कनाडा को पहल देते थे। वर्क परमिट और स्टडी वीजा भी कनाडा की डिमांड की जाती थी। दूसरे नंबर पर अरब देशों में वर्क परमिट की मांग होती थी। अब 55 प्रतिशत छात्रों की ओर से यूके व अस्ट्रेलिया में स्टडी वीजा की फाइलें लगवानी शुरू कर दी गई हैं। अरब देशों में भी वर्क वीजा की फाइलों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। हालांकि यूके में पीआर हासिल करनी मुश्किल है, बावजूद इसके युवा यूके जाने को अब पहल देने लग गए हैं।इमिग्रेशन कंपनी चलाने वाले कहते हैं कि उनके पास पहले युवा कनाडा में वर्क और स्टडी की इन्क्वायरी के लिए आते थे। फाइल भी कनाडा की लगाने के लिए पहल करते थे। परंतु पिछले तीन दिनों से अस्सी प्रतिशत युवाओं ने अस्ट्रेलिया, यूके और डेनमार्क के लिए इन्क्वायरी लेनी शुरू कर दी है। डेनमार्क में होटल इंडस्ट्री में नौकरी है तो ऑस्ट्रेलिया में कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर है। ऑस्ट्रेलिया की पीआर में समय भी लगता है और मुश्किल भी आती है फिर भी युवा बाहर जाने की चाहत में कनाडा को छोड़ दूसरे देशों को पहल देने लग पड़े है।इमिग्रेशन कारोबारी ने कहा कि उनके पास अब जो भी नए स्टूडेंट्स फाइल लगवाने आते हैं, उनकी पसंद न्यूजीलैंड और अस्ट्रेलिया है। युवा अब कनाडा के हालात को मुख्य रख जाने के लिए तैयार नहीं हैं।