– मुख्यमंत्री को मिलने वाली सालाना ग्रांट 50 करोड़ रुपये से घटाकर की 37 करोड़
– मंत्रियों को मिलने वाली डेढ़ करोड़ रुपये की सालाना ग्रांट को घटाकर अब की एक करोड़
ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
पंजाब कैबिनेट ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को मिलने वाली सालाना ग्रांट में कटौती कर दी। सोमवार को पंजाब सचिवालय में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करके, मुख्यमंत्री को मिलने वाली सालाना ग्रांट 50 करोड़ रुपये से घटाकर 37 करोड़ रुपये कर दी गई है जबकि मंत्रियों को मिलने वाली डेढ़ करोड़ रुपये की सालाना ग्रांट को घटाकर अब एक करोड़ कर दिया गया है।इसके साथ ही कैबिनेट ने सिंचाई विभाग की वर्ष 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी देने के अलावा चार कैदियों की अग्रिम रिहाई, 12वीं कक्षा तक के स्कूलों में विजिटिंग फैकल्टी को अनुमति, प्रशासनिक सुधार विभाग में 20 पदों और स्वास्थ्य विभाग की मोहाली यूनिट में 484 पदों पर भरती के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि कैबिनेट ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सालाना ग्रांट में कटौती का कदम इसलिए उठाया है ताकि इस तरह बचने वाले पैसे का अन्य मदों में खर्च किया जा सके। गौरतलब है कि राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों की ग्रांट में दूसरी बार कटौती की गई है। इससे पहले मंत्रियों को मिलने वाली तीन करोड़ रुपये की ग्रांट को घटाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया था। वित्त मंत्री ने आगे बताया कि कैबिनेट ने सिंचाई विभाग की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी दी है। इसके अलावा चार कैदियों की अग्रिम रिहाई की अर्जी मंजूर की गई है जबकि एक कैदी की रिहाई रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 12वीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों में विजिटिंग फैकल्टी के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। इसके अलावा प्रशासनिक सुधार विभाग में 20 पदों पर भर्ती की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की मोहाली यूनिट के लिए 484 पदों पर भर्ती की जाएगी। इस पर करीब 60 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।