



शीत मरूस्थल कहे जाने वाले जिला लाहुल–स्पीति में सतीन दिन से हो रही बारिश के चलते यहां के पहाड़ की मिट्टी इस कदर से गिली हो चुकी है कि अब पहाड़ों से छोटे छोटे पत्थर कहीं से भी गिरने शुरू हो गए है। बीते शुक्रवार को भी जहां लाहुल–स्पीति में जमकर बारिश व बर्फबारी हुई है। उसके बाद से घाटी में ठंड भी बढ़ी है और साथ ही लाहुल में हजारों की संख्या में सैलानी भी पहुंचना शुरू हो चुके है। ऐसे में जाम की स्थिति भी बनी हुई है। सोलंगनला में बर्फ न होने के चलते सैलानी भी भारी संख्या में अब सीधे ही लाहुल पहुंच रहा है। यहां पहुंच कर सैलानी भले ही बर्फ को देखने के साथ साथ उसके बीच मस्ती कर रहा हो। लेकिन जाम की स्थिति से भी दो चार होना पड़ रहा है। लंबी लंबी लाइन कोसों दूर तक लग रही है। जिस कारण से घंटों जाम में फंस कर परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। यही नहीं बारिश होने पर जाम की स्थिति और भी बढ़ जाती है।
जब वाहनों के फिसलने का डर और फिर गिले पहाड़ों से पत्थर गिरने का डर सताता रहता है। बीते शुक्रवार को भी यहां पहाड़ी से पत्थर गिरे और देर तक फिर जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा। शनिवार को भी लाहुल में भारी भीड़ देखने को मिली। काफी अधिक संख्या में सैलानी यहां पहुंचे। वहीं, स्थानीय लोगों की माने तो लाहुल में काफी संख्या में सैलानी पहुंच रहा है। ऐसे में पार्किंग व्यवस्था भी अभी खास नहीं है। जिस कारण से भी जाम की स्थिति पैदा हो रही है। यही नहीं लाहुल के लिए एक लिमिट टूरिस्ट वाहनों को ही अनुमति मिलनी चाहिए। अन्यथा आने वाले समय में कपेस्टी से अधिक वाहनों के आने के कारण से पर्यावरण को इसका काफी अधिक नुकसान झेलना होगा। पहले ही बिगड़े पर्यावरण के कारण से समय पर बारिश व बर्फबारी नहीं हो रही है। साथ ही ग्लेशियर भी सूखने लगे है। ग्लेशियरों के सूखने से भी काफी नुकसान लाहुल को झेलना पड़ रहा है। ऐसे में लाहुल की खूबसूरती को बचाने के लिए भी लाहुल के लोगों को आगे आने की जरूरत है।