बुजुर्ग को साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का शिकार बनाया

शिमला के एक सरकारी विभाग से अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए बुजुर्ग से 28 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। हैरानी इस बात की है कि बुजुर्ग को साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का शिकार बनाया तो इस बात से नाराज होकर उनका परिवार भी उन्हें छोड़कर चला गया। साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 में बुजुर्ग ने शिकायत की, जिसके बाद साइबर क्राइम सेल ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में संपर्क करके अधिकारी के घर पर जांच अधिकारी को भेजा और उनके बयान दर्ज किए। इसके साथ ही बैंक से डिटेल निकालकर ठगी की रकम के बारे में भी पुलिस बुजुर्ग की मदद कर रही है।साइबर क्राइम सेल को मिली शिकायत के मुताबिक बुजुर्ग को वर्ष 2020 में साइबर ठगों ने संपर्क किया। किसी पॉलिसी में 28 लाख रुपये का निवेश करवा दिया, लेकिन अब बुजुर्ग को ही अपने पैसे मिल रहे हैं और ही निवेश करवाने वालों से संपर्क हो पा रहा है। लाखों की ठगी होने के कारण वह इस बारे में परिवार भी कुछ नहीं बता पाए, जिस वजह से गलतफहमी के कारण उनके बच्चे और पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली गई। थक हारकर बुजुर्ग ने विगत सप्ताह ही साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क किया और अपने साथ ही हुई ठगी के बारे में जानकारी दी।बुजुर्ग ने बताया कि वह घर में अकेले हैं और लाखों की ठगी होने के कारण मानसिक रूप से भी परेशान हैं। इसको देखते हुए साइबर क्राइम सेल ने फौरन मामले की सूचना संबंधित पुलिस स्टेशन को दी। मामले की जांच के लिए एएसआई रैंक के जांच अधिकारी को मौके पर भेजा गया। बुजुर्ग की शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।उल्लेखनीय है कि साइबर अपराधी लोगों को तरहतरह से ठगी का शिकार बनाते हैं। इसमें उपहार, पॉलिसी के नाम पर निवेश, डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट में कई गुना का मुनाफा दिलाने सहित अन्य हथकंडे शामिल हैं। इसको देखते हुए साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के झांसे में आएं। जांच पड़ताल के बाद ही निवेश करें।साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक अपराधियों के निशाने पर खासतौर पर सेवानिवृत्त कर्मचारी और अधिकारी होते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि ऐसे लोगों के पास सेवानिवृत्ति के बाद अच्छी खासी जमापूंजी होती है। कुछ समय पहले ही जिले में एक बुजुर्ग से वीडियो वायरल करने के नाम पर 85 लाख रुपये की ठगी हो चुकी है। इसके अलावा मंडी जिले में भी कई बुजुर्गों को साइबर अपराधी अपना शिकार बना चुके हैं। शिमला में रहने वाले बुजुर्ग दंपती को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट रखकर एक करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था,साइबर ठग लोगों को तरहतरह से ठगी का शिकार बनाते हैं। बुजुर्ग से 28 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। लोगों से अपील है कि ऑनलाइन किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले जांच कर लें कि आप किसी प्रमाणिक बैंक, संस्था में निवेश कर रहे हैं या नहीं। ऑनलाइन गूगल पर सर्च करने के दौरान भी साइबर ठगों की ओर से बनाई गई नामी बैंकों और संस्थाओं की फर्जी वेबसाइट से भी नंबर लेकर लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। किसी भी प्रकार का शक होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें– मोहित चावला, डीआईजी, साइबर क्राइम सेल

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