गिरवी रखा घर: 42 लाख का कर्ज लिया, अमेरिका से डिपोर्ट हुआ बेटा तो बिलख पड़ा बाप, बोले- सबकुछ तबाह हो गया

सुल्तानपुर लोधी

पंजाब के कुल 30 लोग अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हैं। इनमें ज्यादातर युवा हैं, जो लाखों रुपये का कर्ज लेकर विदेश गए थे। घरवालों ने जमीन बेची, बैंक से लोन लिया और बच्चों को विदेश भेजा, लेकिन विदेश भेजने का रास्ता गलत चुना। हालांकि परिवार के लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं थी कि उनके बच्चे वैध या अवैध तौर पर विदेश जा रहे हैं और आखिर में उन्हें अब यह दिन देखने पड़ेंगे। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप 2.0 युग की शुरुआत के साथ जहां दुनिया भर में तहलका मचा हुआ, वहीं पहली बार अवैध अमेरिका पहुंचने वालों को खदेड़ते 104 भारतीयों को डिपोर्ट कर वापस भेजा गया है। बुधवार को सभी भारतीय नागरिक अमृतसर एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैन्य विमान से पहुंचे। डिपोर्ट किए गए भारतीय में सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादुर का गुरप्रीत सिंह भी शामिल है। बुधवार दोपहर करीब दो बजे यूएस मिलिट्री का सी-17 विमान इन भारतीयों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा। इस अमेरिकी विमान ने 4 फरवरी की सुबह तीन बजे अमेरिका से उड़ान भरी थी। ऐसा पहली बार हो रहा है कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को भेजने के लिए मिलिट्री विमान का इस्तेमाल किया गया हो। सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादुर का गुरप्रीत सिंह अमेरिका से डिपोर्ट होकर आ रहा है। उसके घर में पिता तरसेम सिंह का बेटे के डिपोर्ट होने की सूचना मिलने के बाद से रो-रोकर बुरा हाल है। दिहाड़ीदार तरसेम सिंह और उसके भाई महिंदर सिंह ने बताया कि उन्हें मीडिया के जरिये पता चला कि उसका बेटा भारत भेजा गया है। आंखों में आंसू और हकलाती जुबान से तरसेम सिंह ने बताया कि उसने बेटे को छह महीने पहले विदेश भेजने के लिए 42 लाख रुपये खर्च किए थे। 22 दिन पहले ही वह अमेरिका के बेस कैंप में पहुंचा था। उसे विदेश भेजने के लिए उसे घर तक गिरवी रख दिया और इतनी मोटी रकम इकट्ठा करने के लिए हाथ-पांव जोड़कर कुछ रिश्तेदारों से भी लाखों रुपये उधार लिए थे, वहीं कर्ज भी उठाया था। लेकिन अब सब कुछ तबाह हो गया है। अब उसे सिर्फ केंद्र व पंजाब सरकार से उम्मीद है कि उसके बेटे को पंजाब में ही कोई रोजगार की व्यवस्था करवा कर दे, जिससे वह अपने सिर से कर्ज के बोझ को उतार सके।

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