पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में मृत्यु को प्राप्त हुए 480 हिंदुओं की अस्थियां मोक्ष प्राप्ति के लिए सोमवार को अटारी सीमा के रास्ते भारत लाई गईं। इन अस्थियों को कराची स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के मुख्य सेवक महंत श्री राम नाथ महाराज लेकर पहुचे। उन्होंने बताया कि इन अस्थियों को गंगाजी में बहाने के लिए मंदिर अथव श्मशानघाट में कलश में सुरक्षित रखा गया था। संबंधित परिवारों की इच्छा थी कि इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाए ताकि सभी की आत्मा को शांति मिले। भारत सरकार की तरफ से इस कार्य के लिए दो साल पहले ही अनुमति दे दी गई थी। महंत श्री रामनाथ ने बताया कि इससे पहले वे 2011 और 2016 में भी हिंदुओं की अस्थियों को प्रवाहित करने के लिए भारत ला चुके हैं। इस कार्य के लिए उन्हें भारत सरकार की ओर से 10 दिन का वीजा दिया गया है। महंत ने बताया कि वह अस्थियों को हरिद्वार में विधि विधान से विसर्जित करने के बबाद प्रयागराज में कुंभ स्नान भी करेंगे। पाकिस्तान में करीब 20 लाख हिंदू रहते हैं। उन्होंने भारत सरकार से अपने प्रियजनों की अस्थियों को प्रवाहित करने की आज्ञा मांगी थी। इसके तहत 2022 में पाकिस्तानी हिंदू परिवारों को गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने के लिए स्पांसरशिप पॉलिसी लागू की गई थी। इसके तहत पाकिस्तानी परिवार को भारत में अस्थियां विसर्जित करने की आज्ञा दी जाती थी जिनका कोई स्वजन भारत में रहता है। अब इसमें परिवर्तन कर पाकिस्तान के हिंदू परिवारों को अस्थियां विसर्जित करने के लिए दस दिन का वीजा जारी किया जा रहा है। 1947 के बाद तीसरी बार है कि अस्थियां भारत लाई गई हैं। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के संरक्षक रामनाथ ने कहा कि हम कई सालों से भारत सरकार से जो मांग कर रहे थे, जो पूरी हुई। पहली बार 2011 में 135 अस्थियां लाए थे। ये अस्थियां 64 वर्ष से संभालकर रखी गई थीं। इन्हें गंगा में विसर्जित किया जाए। 2016 में भी 160 अस्थियों को गंगा लाया गया था।