



बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को सोमवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का केस है। चिन्मय प्रभु के सहायक आदि प्रभु ने बताया कि उन्हें ढाका के मिंटू रोड स्थित डीबी कार्यालय ले जाया गया।उनकी रिहाई की मांग को लेकर ढाका में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकाारियों ने ढाका के सहबाग में प्रमुख सड़क को जाम कर दिया है।वे ‘हम न्याय के लिए मरेंगे, हम इसके लिए लड़ेंगे‘ का नारा लगा रहे हैं।बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक, चिन्मय प्रभु ढाका से चटगांव जाने के लिए हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे, यहीं से उन्हें डिटेक्टिव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मौजूद इस्कॉन के सदस्यों का कहना है कि डीबी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। उन्होंने बस इतना कहा कि वे बात करना चाहते हैं। इसके बाद वो उन्हें माइक्रोबस में बैठाकर ले गए। चिन्मय प्रभु को चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों के विरोध में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मल्लिक ने कहा कि पुलिस के अनुरोध के बाद चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया।बांग्लादेश सनातन जागरण मंच ने 25 अक्टूबर को चटगांव में एक रैली की थी। इसे चिन्मय कृष्ण दास ने भी संबोधित किया था। रैली के तुरंत बाद बीएनपी नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है। बता दें कि चिन्मय प्रभु लगातार बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का विरोध करते आ रहे हैं साथ ही उन्होंने हिंदुओं के समर्थन में हाल ही में बांग्लादेश में रैली भी निकाली थी।गौर हो कि बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं छात्र आंदोलन के दौरान हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया था वहीं बांग्लादेश के खुलना मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया गया था और ऐसा वहां की शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से सामने आ रहा है।
बांग्लादेश के मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर पर हमले को लेकर चिन्मय प्रभु ने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई थी उन्होंने कहा था, ‘चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू समुदाय ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ मिलकर अब तक उन्हें बचाया है‘ वहीं चिन्मय प्रभु ने कहा था, ‘कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के रास्ते भारत भाग रहे हैं।
गौर हो कि अक्टूबर 2024 महीने में बांग्लादेश में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु देशद्रोह का आरोप लगाया गया था हिन्दू संगठन से जुड़े अन्य लोगों पर भी केस दर्ज किया गया था बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु बांग्लादेश में इस्कॉन का बड़ा चेहरा हैं उनपर मामला दर्ज किया है। बता दें कि चिन्मय दास ब्रह्मचारी के साथ 19 अन्य हिंदू संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है,इस्कॉन सचिव समेत हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों और कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि, एक प्रदर्शन के दौरान इन सभी आरोपियों ने बांग्लादेश के झंडे के ऊपर भगवा झंडा फहराया था।