हर हालत में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करवा कर रहेंगे: अमरीक सिंह

 

 

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का समर्थन करने वालों पुरानी पेंशन के गुनहगारों से सवाल करना हमारा अधिकार: भरत राज 

 

 

 रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों ने किया कर्मचारियों के साथ विश्वासघात: RCFEU

 

 

ट्रिब्यून  टाइम्स  न्यूज

कपूरथला , 8 अक्टूबर  :

यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में आज आरसीएफ एम्पलाईज यूनियन द्वारा वर्कर क्लब में जनरल काउंसिल मीटिंग की गई, मीटिंग में आरसीएफ के सैकड़ो कर्मचारी शामिल होकर एनपीएस, यूपीएस के विरोध में अपनी एकजुटता दिखाते हुए कहा कि जो भी कोई कर्मचारी या नेता, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के समर्थन में प्रचारप्रसार करेगा हम खुलकर उसका विरोध करेंगे तथा तमाम तरह के जो यूपीएस में सवाल है वह उनके समक्ष रखे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों (एआईआरएफ एवं एनएफआईआर) की मिलीभगत से भारत सरकार की कैबिनेट ने 24 अगस्त को यूनिफाइड पेंशन स्कीम कर्मचारी पर ठोकने का कार्य किया, जिसे बड़ी ही बेशर्मी के साथ रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन ने बड़ी ऐतिहासिक जीत बताया। आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन ने इसे कर्मचारियों के साथ बड़ा विश्वासघात बताया है। इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन ने दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों की समझौतावादी नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों फेडरेशनों ने कर्मचारियों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है, जिसके चलते रेलवे के कर्मचारी एआईआरएफ एवं एनएफआईआर के खिलाफ भारी रोष में है वह उनका कहना है कि आगामी मान्यता के होने वाले चुनाव में हम इनको सबक सिखाएंगे यह दोनों समझौतावादी संगठन  इसका नतीजा भुगताने के लिए तैयार रहे। जनरल मीटिंग में बोलते हुए फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एनएमओपीएस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कामरेड अमरीक सिंह ने कहा कि अपने आप को कर्मचारियों के सबसे बड़े नेता कहलान वाले रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों द्वारा सरकार के साथ मिलीभगत कर पुरानी पेंशन बहाली की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आए हैं जो देश भर के लगभग एक करोड़ कर्मचारियों को कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों एआईआरएफ वी एनएफआईआर पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दोनों फेडरेशन भारत सरकार की मजदूर, कर्मचारी देश विरोधी नीतियों को लागू करवाने के लिए कार्य कर रही हैं, चाहे विवेक देवराय की अध्यक्षता वाली रेलवे रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी हो या रतन टाटा की अध्यक्षता वाली रेलवे कायाकल्प कमेटी हो जिसमें रेलवे का अलग बजट खत्म करने, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकरण के नाम पर निजीकरण करने, रेलवे गाड़ियों के संचालन के नाम पर उनका प्राइवेटाइजेशन करने, रेलवे के बहुत सारे टेक्निकल मैकेनिक कार्य को ऑफ लोडिंग करने इत्यादि कार्यों में इन कमेटियों के साथसाथ रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, इन कमेटियों की सिफारिश को लागू करवाने के लिए दोनों फेडरेशनों ने सरकार के साथ मिलकर रेल कर्मचारियों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। अमरीक सिंह ने कहा कि जब 2004 में पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया था तब इन्होंने जॉइंट फॉर्म बनाकर संघर्ष क्यों नहीं किया उसके बाद जब 2013-14, 2018-19 2023 में एनपीएस के खिलाफ बड़े संघर्ष हुए तब इन्होंने जॉइंट फॉर्म का निर्माण क्यों नहीं किया अब जब भारत सरकार को झुकने के लिए और पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए कर्मचारियों ने एकजुट होकर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे तथा इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के बैनर में बड़े संघर्षों का आगाज किया तो उन संघर्षों को तोड़ने के लिए इन्होंने जॉइंट फॉर्म का निर्माण कर फिर से संघर्ष के नाम पर नौटंकी शुरू कर दी जिसका नतीजा यह हुआ कि जो सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए विवश हो चुकी थी उसने उनके साथ मिलीभक्त कर कर्मचारियों पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम थोप दी। आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन के संगठन सचिव फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय अतिरिक्त सचिव भरत राज ने यूपीएस स्कीम पर बात करते हुए कि जो पहले एनपीएस का फायदा बताते थे, उसका गुणगान करते थे, अब वही यूपीएस लेकर आए हैं और पुरी रेलवे में उसका गुणगान कर रहे हैं! इन्होंने हमारे शामियाने उजाड़ कर, खुद के महल बनाये हैं और अब हमें सड़क पर रहने की नसीहत देने रहे हैं, जिसे हमारे जागरूक रेल कर्मचारी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे, जैसे यूपीएस को शिवगोपाल मिश्रा कर्मचारियों को दिया सबसे बड़ा तोहफा बता रहे हैं उसके संबंध में कर्मचारियों के बहुत गहरे सवाल कल 09 अक्टूबर को शिव गोपाल मिश्रा से किए जाएंगे तथा शिवगोपाल मिश्रा उनकी टीम को चुनौती दी गई है कि वह हमारे सवालों से रूबरू होकर इनका जवाब दें। भरत राज ने कहा कि शिवगोपाल मिश्रा वह उनकी टीम द्वारा एनपीएस को लागू करवाना एनपीएस के ट्रस्टी बन जाना, एनपीएस को बढ़िया बताना और 20 वर्ष बाद में संघर्ष की नौटंकी करना? 01 अक्टूबर 2023 को हुई ऐतिहासिक रैली में ज्वाइंट फोरम का समर्थन नहीं देना, यूपीएस को ओपीएससे अच्छी स्कीम बताना, यूपीएस में ओपीएस वाले सभी लाभ शामिल कर दिए गए बताना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में कर्मचारियों में आंदोलन की भावना नहीं है कहना, इत्यादि बहुत सारे सवाल है जो हम कर्मचारियों को इन पेंशन के सौदागरों को जनता की अदालत में खड़ा करने के लिए विवश कर रहे हैं। मंच का संचालन करते हुए अरविंद कुमार शाह ने कहा कि अगर हमने एनपीएस, यूपीएस के खिलाफ संघर्ष किया होता तो शायद हम अपनी आने वाली पीढियां को मुंह दिखाने के काबिल ना रहे थे, अब वक्त है गर्म लोहे पर चोट मारने की, क्योंकि पहले वर्ष 2004 वह अब वर्ष 2024 में रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों ने कर्मचारियों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है, रेलवे के आने वाले चुनावो में कर्मचारियों के पास मौका है की जिन्होंने उनका भविष्य, उनका बुढ़ापा, उनके बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलने का कार्य किया है उन्हें सबक सिखाया जाए।आज की जनरल मीटिंग को सफल बनाने के लिए आरसीएफ के सैकड़ो कर्मचारियों के साथ आईआरटीएसए इत्यादि संगठनों ने शमुलियत कर भरपूर योगदान निभाया, संगठन के पदाधिकारी अमरीक सिंह, दर्शन लाल, मनजीत सिंह बाजवा, बचितर सिंह, नरिंदर कुमार, शरणजीत सिंह, प्रदीप सिंह, तरलोचन सिंह, अरविन्द कुमार शाह, जगदीप सिंह, अनिल कुमार, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, बलजिंदर सिंह, चंद्रभान, राजिंदर कुमार, साकेत कुमार यादव, सुभाष कुमार, प्रवीण कुमार, रामदास, संजीव कुमार, हरपाल सिंह, निर्मल सिंह, सुमन सौरव, संदीप कुमार, मनोहर लाल सहित यूनियन के कार्यकर्ता शामिल हुए।

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