ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड समेत कई वारदातों में शामिल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी साथी विक्रम बराड़ को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से डिपोर्ट किया है। भारत आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे आतंकी–गैंगस्टर गठजोड़ केस में प्रमुख गिरफ्तारी मानी जा रही है। आरोपी बेकसूर कारोबारियों को टॉरगेट कीलिंग का शिकार बनाता था। वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की मदद से हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली करता था। विक्रम पर करीब 11 मामले दर्ज है। 2020 से वह फरार चल रहा था। उसके खिलाफ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों की पुलिस 11 लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी हैं। एनआईए की जांच में पता चला है कि विक्रम बराड़ संयुक्त अरब अमीरात से लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लिए संचार नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) के रूप में काम कर रहा था। सीसीआर के माध्यम से वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ (कनाडा में मौजूद) को कॉल की सुविधा मुहैया करवाता था। उनके आदेश पर जबरन वसूली व अन्य वारदातों को अंजाम देता था। दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) आरोपी के नाम पर भी जारी है। वहीं 24 मार्च 2022 को एनआईए ने आरोप पत्र दायर किया था। 2022 में दिल्ली में दर्ज आरसी-39 में 13 अन्य आरोपियों के साथ उसका नाम भी शामिल था। यह आतंकी गठजोड़ से जुड़ा मामला था।एनआईए के मुताबिक साल 2020 से 2022 तक विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्या में सक्रिय रूप से गोल्डी बराड़ की मदद की थी। लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार हवाला के जरिए बराड़ को उगाही की रकम भी भेजी थी। बराड़ ने कुरुक्षेत्र के एक डॉक्टर से रंगदारी मांगी थी।एनआईए की जांच में सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी बनने से पहले विक्रम बराड़ पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन सोपू से जुड़ा था। लॉरेंस भी इस संगठन का नेता था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आया। वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या, जबरन वसूली करने लगा। इसने राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के गैंगस्टरों को लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की थी।हाल के महीनों में एनआईए पांच भगोड़ों को डिपोर्ट कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर चुकी है। इनमें तरनतारन बम धमाकों का मास्टरमाइंड बिक्रमजीत सिंह उर्फ बिक्कर पंजवार उर्फ बिक्कर बाबा को दिसंबर 2022 में ऑस्ट्रिया से डिपोर्ट किया गया था। यह किसी पश्चिमी देश से अपनी तरह का पहला प्रत्यर्पण का मामला था। इसके अलावा लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स बम धमाका मामले में बब्बर खालसा के कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया, परमिंदर पाल सिंह उर्फ बॉबी और अबूबकर हाजी को डिपोर्ट किया जा चुका है।