स्कूलों को बम से उड़ने की धमकियों से विद्यार्थियों,शिक्षकों और अभिभावकों में डर का माहौल पैदा किया जा रहा-कालिया

 

ट्रिब्यून  टाइम्स  न्यूज

, कपूरथला, 30 दिसम्बर

आए दिन देश में किसी ना किसी को मारने और बम से उड़ाने की धमकिया मिलना देश के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।यह बात शिव सेना उद्धव बाला साहिब ठाकरे के प्रदेश प्रवक्ता ओमकार कालिया ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।उन्होंने कहा कि ऐसी धमकियों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। इससे पहले भी देश के अन्य राज्यों में ऐसी धमकियां मिल चुकी हैं।ये घटनाएं केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं हैं,बल्कि समाज में भय-असुरक्षा की भावना पैदा करने का प्रयास भी हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि शिक्षा जैसे पवित्र संस्थान को निशाना बनाया जा रहा है,जहां देश का भविष्य आकार लेता है।ऐसी धमकियों से विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों में डर का माहौल बन जाता है।कालिया ने कहा कि अब तक की सभी धमकियां झूठी निकली हैं,लेकिन शरारती तत्त्वों की यह हरकत प्रशासन और स्कूल प्रबंधन के लिए सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को बाधित करती है।स्कूलों को खाली कराना,जांच करना,पढ़ाई का नुकसान और संसाधनों पर दबाव यह सब प्रभाव डालता है।इन धमकियों का असर सिर्फ स्कूलों तक ही नहीं,बल्कि पूरे समाज में फैलता है। अभिभावकों की चिंता बढ़ जाती है और बच्चे मानसिक तनाव का सामना करते हैं।उन्होंने कहा कि ऐसी धमकियां देना एक गंभीर सुरक्षा और सामाजिक चुनौती बन चुका है।इसे हल करना सख्त जरूरी हो गया है।यह देखा गया है कि अधिकतर धमकियां साइबर अपराध का हिस्सा होती हैं।सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉॅम्र्स पर अफवाहें तेजी से फैलती हैं,जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।कालिया ने कहा कि साइबर अपराधियों को अब तक सख्त सजा नहीं मिल पाई है,जो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिल सकता है।प्रशासन-सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बढ़ानी होगी और आरोपियों को पकडऩा जरूरी है।इसके अलावा,साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और ऑनलाइन अफवाहों की निगरानी करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि सबकी जिम्मेदारी बनती है कि इन अफवाहों से सावधान रहे।बिना पुष्टि के सूचना साझा न करें।अभिभावकों-शिक्षकों को बच्चों में सुरक्षा की भावना विकसित करनी चाहिए।उन्हें आत्मरक्षा व आपातकालीन स्थितियों से निपटने की जानकारी देनी चाहिए।विद्यालयों को निशाना बनाना केवल कानून का उल्लंघन नहीं है,बल्कि समाज के भविष्य पर हमला भी है।

 

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