ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी देवेंद्र यादव का मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचने पर स्वागत कुछ इस तरह हुआ कि सूबे के नेताओं ने पार्टी के भीतर चल रहे सारे झगड़े उनके सामने रख दिए। नए प्रभारी के साथ यह पहली बैठक थी लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू होशियारपुर में अपनी रैली में हिस्सा लेने चले गए जबकि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, परगट सिंह, भारत भूषण आशु, रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला और गुरकीरत सिंह कोटली भी उनसे मिलने नहीं आए।सूत्रों के अनुसार प्रदेश के सीनियर कांग्रेसी नेताओं के साथ यादव की इस बैठक में अधिकांश नेताओं ने खुलकर मांग उठाई कि नवजोत सिद्धू को पार्टी से निकाला जाए। नेताओं ने सिद्धू की पार्टी लाइन से अलग गतिविधियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए यादव को बताया गया कि पिछले विधानसभा चुनाव में सिद्धू भी हार का मुख्य कारण रहे थे। बैठक में सिद्धू के खिलाफ क्या कुछ कहा गया, इस बारे में बैठक के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से पूछा गया तो उन्होंने कहा– ‘मुझसे सिद्धू के बारे में ज्यादा सवाल न पूछा करो। मेरे सिद्धू से संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें पहले पार्टी की बात करनी चाहिए। अगर घर में अनुशासन न हो तो घर नहीं चलता, पार्टी कैसे चल सकती है?’ रंधावा ने कहा– ‘मैं भी राजस्थान का इंचार्ज रह चुका हूं और मुझे यह पता था कि वहां जाकर सबसे पहले मुझे पार्टी में अनुशासनहीनता व धड़ेबंदी को खत्म करना है। पार्टी विरोधी गतिविधियों को खत्म करना जरूरी है।’बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि सीनियर नेताओं की पार्टी के हर मसले पर इंचार्ज देवेंद्र यादव के साथ चर्चा हुई है। नवजोत सिद्धू की अलग रैलियों के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम चलाता है तो अध्यक्ष के तौर पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर कोई पार्टी में रहकर पार्टी को कमजोर करने या अनुशासन तोड़ने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी।
बैठक में उठाए गए मुद्दों का खुलासा न करते हुए राजा वड़िंग ने कहा कि वे पार्टी के अंदरूनी मुद्दों को पार्टी मंच पर रखकर आलाकमान तक पहुंचा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की स्थिति और आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने अपनी व अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय कांग्रेस प्रभारी को बता दी है। आगे का निर्णय हाईकमान को लेना है।बैठक के बाद देवेंद्र यादव से जब सिद्धू समेत कई नेताओं के न आने और बैठक में उठाए गए मुद्दों को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने गैरहाजिर रहे नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि कुछ नेताओं के उन्हें फोन आए थे और उन्होंने निजी कारणों से बैठक में नहीं आ पाने की बात कही थी। नवजोत सिद्धू से पार्टी लाइन से अलग रैलियां करने बारे पूछे गए सवाल को देवेंद्र यादव यह कहकर टाल गए कि ‘मैं पार्टी नेतृत्व से बात करने आया हूं। जब यह मामला मेरे पास पहुंचेगा, तब इस पर बात करेंगे।