देश आगे तभी बढ़ेगा जब लोग अपनी जिम्मेदारी समझेंगे:भाजपा
ट्रिब्यून टाइम्स न्यूज
कपूरथला, 13 अगस्त
हमारा देश जब 15 अगस्त,2047 को आजादी के 100 वर्ष पूरे कर रहा होगा,तब भारत दुनिया के शिखर पर होगा।अमृतकाल का यह समय सोते हुए सपने देखने का नहीं,बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प को पूरा करने का है।आने वाले 24 वर्ष परिश्रम की पराकाष्ठा,त्याग और तपस्या के हैं।हमें हर नामुमकिन को अपने संकल्प से सिद्धि तक ले जाना है।यह बात रविवार को भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव व प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य उमेश शारदा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।शारदा ने शहर निवासिओं को पिछले साल की तरह इस साल भी हर घर तिरंगा मुहीम को सफल बनाने के लिए हर घर में तिरंगा लहराने की अपील की।शारदा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।पिछली बार स्वतंत्रता दिवस पर जिस प्रकार का भव्य उत्सव देखने को मिला,पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।देश के कोने–कोने में हर घर पर लोगों ने तिरंगा लगाया और सभी स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में डूबे नजर आए।लोगों में ऐसी देशभक्ति की भावना को जगाने में हर नागरिक सभी समाज सेवी संगठनों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए राष्ट्रहित ही सर्वोपरि हो।साथ ही युवा पीढ़ी अपने देश के नायकों के बलिदान को लेकर गर्व महसूस करे और भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान दे।उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्त्ता में देश हित और समाज हित की भावना रहती है।वह सदैव देश और समाज की सेवा के लिए तत्पर रहता है।उन्होंने कहा कि 15 अगस्त का दिन उन क्रांतिकारियों और सेना के वीर जवानों को याद करने का है,जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।इन अमर शहीदों का कर्ज तो चुकाया नहीं जा सकता और न ही किसी चीज से तुलना की जा सकती है।लेकिन उनके सम्मान में राष्ट्रभक्ति के प्रयासों से समाज में जागरुकता अवश्य लाई जा सकती है।उन्होंने कहा कि भारत पर कई विदेशी आक्रांताओं ने हमले किए,चाहें फिर वह मुगल हो या अंग्रेज़।लेकिन सम्पन्न संस्कृति वाले इस देश में समय–समय पर कोई न कोई महापुरुष जन्म लेकर भारत की रक्षा का दायित्व लेता रहा है।साथ ही वह भारत की रक्षा के लिए शहीद होते रहे हैं।शारदा ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जो अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी।उसकी सफलता दिखाई दी।स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रत्येक घर एवं प्रतिष्ठानों पर ध्वज फहरता दिखाई दिया।लोगों के अंदर देश के प्रति प्यार और समर्पण देखकर ऐसा लगा,जैसे सभी एक ही माला में पिरो दिए गए हों।उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा कि हम अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि हर भारतवासी देश के कायाकल्प के लिए अपने कर्तव्यभाव रूपी अमृतभाव के साथ उमड़ पड़ा है।इतिहास साक्षी है कि किसी राष्ट्र का गौरव तभी जाग्रत रहता है।जब वो अपने स्वाभिमान और बलिदान की परम्पराओं को अगली पीढ़ी को भी सिखाता है,उन्हें संस्कारित करता है।